सारे आंदोलन, सारे विरोध बंद हो गए? मीडिया ने बोलना, लिखना बंद कर दिया, नेताओं ने चिल्लाना बंद कर दिया, सारे शिवना शुद्धि से जुडे आंदोलन एवं उससे जुड़े व्यक्तियों एवं संगठनों ने मौन धारण कर लिया, नेपथ्य में चले गए? अब बेचारी शिवाना मैया क्या करें?
शिवना नदी शुद्धिकरण आंदोलन से जुड़े कतिपय लोग अंतर्ध्यान हो गए,अब शिवना मैया क्या करें?
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जनसंवाद न्यूज़ मंदसौर
विगत 20-22 साल से कुछ संगठन शिवाना शुद्धि को लेकर के आंदोलन कर रहे हैं। इसमें अनेक व्यक्ति भी ऐसे हैं जो व्यक्तिशः आंदोलन करते हैं।
शिवना शुद्धि को लेकर अभी मप्र शासन के द्वारा 28 करोड रुपए स्वीकृत किए गए, जैसे ही काम शुरू हुआ उस काम की गुणवत्ता की कमी के विरुद्ध अनेक संगठन खड़े हुए और अपने आपको जलमग्न होने के लिए भी तैयार दिखे, दो-तीन बार मौके पर भी गए, मीडिया वाले भी गए,अनेक नेता भी गए किंतु अचानक सभी ने चुप्पी साध ली,यद्यपि कुछ व्यक्ति और संगठन इस दिशा में ईमानदारी से प्रयास करते रहे और कर रहे हैं तथापि गड़बड़ के संकेत तो है?
इस काम की मॉनिटरिंग करने वाली संस्थाएं अपना काम करती रही, खुदाई होती रही, पाइप डलते रहे किंतु एक निश्चित समय के बाद एक भी संगठन, एक भी नेता, मीडिया इस व्यवस्था का विरोध करने के लिए प्रकट नहीं हुआ और ठेकेदार का काम स्मूथली चला रहा।
भ्रष्टाचार का कोई सबूत नहीं होता, किंतु "जन- चर्चा" ही उसका वास्तविक सबूत होती है। यह सब जानते हुए भी,कैसे सारे आंदोलन, सारे विरोध बंद हो गए? मीडिया ने बोलना, लिखना बंद कर दिया, नेताओं ने चिल्लाना बंद कर दिया,और सारे शिवना शुद्धि से जुडे आंदोलन एवं उससे जुड़े हुए व्यक्तियों एवं संगठनों ने मौन धारण कर लिया और नेपथ्य में चले गए?
अब बेचारी शिवाना मैया क्या करें?
, रमेशचन्द्र चन्द्रे,