ई - मंडी से व्यापारी, किसान दोनों को लाभ - किसानों के लिए घर बैठे उपज बेचने के लिए पंजीयन (रजिस्ट्रेशन) की सुविधा मंदसौर मंडी में उपलब्ध

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मंदसौर कृषि उपज मंडी में भी अब ई मंडी की सुविधा प्रारंभ हो चुकी है।अब किसानों के लिए घर बैठे उपज बेचने के लिए पंजीयन (रजिस्ट्रेशन) की सुविधा मंदसौर मंडी में उपलब्ध कराई गई है।स्लॉट बुकिंग की सुविधा ई-मंडी एप के माध्यम से मिल सकेगी।

जनसंवाद न्यूज़ मंदसौर

महू नीमच रोड स्थित मंदसौर की मुख्य कृषि उपज मंडी जो कि प्रदेश स्तर पर भी अपना विशिष्ट स्थान रखती है। प्रदेश की बडी मंडीयों में शुमार मंदसौर कृषि उपज मंडी में भी अब ई मंडी की सुविधा प्रारंभ हो चुकी है।जिसके अंतर्गत अब किसानों के लिए घर बैठे उपज बेचने के लिए पंजीयन (रजिस्ट्रेशन) की सुविधा मंदसौर मंडी में उपलब्ध कराई गई है। किसानों को अब स्लॉट बुकिंग की सुविधा ई-मंडी एप के माध्यम से मिल सकेगी। जिससे वाहनो की लम्बी कतारों से निजात मिलेगी व मंडी कर्मचारियों को भी रसीद कट्टों से छुटाकार मिलेगा। इस सुविधा के लिए मंदसौर मंडी में 30 पीओएस मशीन भी आ चुकी है जिसके तहत मंदसौर मंडी के कर्मचारी ई मंडी का कार्य संपादित कर रहे है।मंडी सचिव पर्वतसिंह सिसौदिया ने बताया कि किसानों को अब मंडी जाकर पर्ची बनवाने की जरूरत नहीं है। अपनी उपज बेचने के लिए घर से ही ऑनलाइन पर्ची बनवा सकते हैं। इस तरह अब किसानों को मंडी में आकर नंबर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मंडी में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू हो गई है। प्रारंभित तौर पर मप्र शासन ने प्रदेश की 39 ए ग्रेड मंडियों में ई मंडी की सुविधा प्रारंभ की है जिसके अंतर्गत मंदसौर मंडी में भी यह सुविधा प्रारंभ हो चुकी है। ई मंडी से व्यापारियों और किसानों दोनो को लाभ है।
श्री सिसौदिया ने बताया कि ई मंडी के माध्यम से किसान फसल बेचने एप के माध्यम से बुकिंग कर सकते है। फसल बेचने के लिए अभी तक किसानों को अनाज लेकर मंडी आना पड़ता था। यहां वाहनों के नंबर लगाए जाते थे। किसानों को नाम, पता और अनाज की एक पर्ची बनवानी पड़ती थी। इसके बाद निलाम होने तक इंतजार करना पड़ता था। अब मंडी समिति ने एप की व्यवस्था की है, जिससे किसान घर बैठे अनाज बेचने के लिए नंबर लगा सकता है। अब किसान घर से निकलते समय ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर मंडी पहुंचने पर सीधे मंडी में प्रवेश ले सकेगा। इससे लम्बी कतारों से निजात मिलेगी किसानों को दो तीन दिन तक वाहनों का लगने वाला भाडा भी नहीं लगेगा। मंदसौर का किसान प्रदेश की किसी अन्य मंडी में उपज बेचने जाना चाहता है तो इसी आईडी से वहां भी प्रवेश मिल सकेगा। ई मंडी के माध्यम से किसान फसलों के लाइव रेट से भी अपडेट होते रहेगे।
प्रतिदिन 250 से 300 किसानों के किए जा रहे पंजीयन
मंडी सचिव ने बताया कि जनवरी माह से ई मंडी की सुविधा प्रारंभ हो चुकी थी। फरवरी माह में इस कार्य में तेजी आई है। अभी हम प्रतिदिन 250 से 300 किसानों के पंजीयन प्रतिदिन कर रहे है। अब तक 1500 से अधिक किसानों के पंजीयन ई मंडी में हो चुके है।  पंजीयन मोबाईल नम्बर के माध्यम से किया जा रहा है, जिसमें प्रथम बार किसान की सम्पूर्ण जानकारी अपलोड होती है। इसके बाद आईडी बन जाती है। यह आई मध्यप्रदेश की प्रत्येक मंडी में मान्यता प्राप्त होगी।
अभी अनाज संबंधित फसलों में हो रहा है पंजीयन
मंडी सचिव ने बताया कि अभी शुरूआती तौर पर हम कम आवक वाली फसलों को ई मंडी में जोड रहे है। ताकि व्यवस्था बनी रही क्योंकि अभी ई मंडी को हमारे कर्मचारियों के साथ किसान भी सिख रहे है धीरे - धीरे लहसुन और सोयाबीन को भी ई मंडी से जोडा जायेगा।
एमपी फॉमगेट एप्प की सुविधा भी शुरू
एमपी फॉमगेट एप्प की सुविधा भी मंदसौर मंडी में प्रारंभ हो चुकी है जिसके अंतर्गत किसान घर बैठे अपनी फसल का फोटो और रेट इस एप्प पर डालते है और जो व्यापारी इच्छुक होता है वह अपने रेट डालकर सौदे करते है। यह सुविधा भी मंदसौर मंडी में प्रारंभ हो चुकी है।

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